Tuesday, 31 March 2020

ताजदार ए मदीना के जलवे । Naat lyrics ।

ताजदार ए मदीना के जलवे,
जिनके दिल में समाए हुए हैं ।
दूर रहकर वह पूर् बा आशना है,
दिल मदीना बनाए हुए हैं । ।

जिनको उनकी तवज्जो ने पाला,
उनकी रहमत ने जिनको नवाज़ा ।
उन गदाओं का क्या पूछते,
हो वो ज़माने में छाए हुए है।।

मेरे आका कि जिन पर नज़र है,
दोनों आलम की उनको खबर है ।
जिनका मकसूद उनका ही दर है,
सारे असरार वो पाए हुए हैं ।।

आले अतहर का सदका अता हो, 
मुफलिसी का हमारे भला हो ।
ए सखी आपके दर पर हम भी,
दामने दिल बिछाए हुए हैं ।।

30 पैरों में जो कुछ लिखा है, 
सर बसर सीरते मुस्तफा है ।
उनकी सीरत में जो ढल गया है, 
उस पर रहमत के साए हुए हैं ।।

मेरी औकात कुछ भी नहीं, 
खुद मेरी ज़ात कुछ भी नहीं ।
मेरे सरकार का यह करम है, 
बात मेरी बनाए हुए हैं ।।

आरजू ए करम दिल में लेकर, 
खालिद उनके सखियां सकता पर ।
अग्लिया औलिया असफिया सब,
अपने कासे बनाए हुए हैं।।

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Shukriya janab

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